प्रभावी पाठ योजना के उद्देश्य व पाठ योजना की विशेषताएँ ( Lesson Plan objectives and Features)
पाठ योजना के उद्देश्य निम्न प्रकार से हैं-
1. कक्षा में शिक्षण की क्रियाओं तथा सहायक सामग्री की पूर्ण जानकारी कराना।
2. निर्धारित पाठ्य वस्तु के सभी तत्वों का विवेचन करना।
3. प्रस्तुतीकरण के क्रम तथा पाठ्य वस्तु के रूप में निश्चितता की जानकारी कराना।
4. कक्षा शिक्षण की समय शिक्षक के विस्मृति की संभावना कम होना।
5. शिक्षण अधिगम, सहायक सामग्री के प्रयोग के स्थल,शिक्षण विधि तथा प्रविधियों का निर्धारण करना।
प्रभावी पाठ योजना की विशेषताएं (Features of an Effective Lesson Plan)
1. प्रभावी पाठ योजना एक कक्षा में प्रयोग में आने वाली क्रिया की प्रस्तावित रुपरेखा है।
2. कक्षा में पाठ योजना विधिवत लिखित रूप में होनी चाहिए।
3. पाठ योजना में शिक्षण के उद्देश्यों का विवरण स्पष्ट व व्यावहारिक होता हैै।
4. पाठ योजना में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री का उल्लेख करना चाहिए जैस-चार्ट, ग्राफ, रेखागणित, माॅडल, स्लाइड, मानचित्र,फिल्म स्ट्रिप,स्लाइड आदि।
5. आदर्श पाठ योजना विद्यार्थियों की पूर्व ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए।
6. स्तरानुकूल पाठ आधुनिक विषय वस्तु होती है जो शिक्षण बिंदु या संप्रत्ययों के रूप में लिखी जाती है।
7. छात्रों के क्रिया-कलापों व अधिगम क्रियाओं का अच्छा ज्ञान होता है।8. नवीन ज्ञान एवं पूर्वज्ञान का सम्बन्ध होता है।
9. शिक्षक को यह आभास बना रहता है कि उसका शिक्षण कहाँ तक सार्थक रहा है।
10. पाठ योजना में पाठ की अवधि, कक्षा के स्तर, विषयवस्तु प्रकरण आदि सामान्य सूचना का उल्लेख रहता है।
11. पाठ योजना में व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखकर शिक्षण की व्यवस्था होती है।
12. पाठ को उचित सोपान में विभाजित कर देना चाहिए।
13. पाठ योजना में भाषा की सरलता स्पष्टता होनी चाहिए।
14. पाठ के लिए उपयुक्त शिक्षण विधि के प्रयोग की और संकेत किया जाना चाहिए।
15.विषय वस्तु का यथासंभव दूसरे विषय से समन्वय स्थापित होना चाहिए।
16. यथास्थान उदाहरणो का प्रयोग किया हुआ होना चाहिए।
17. पाठ योजना में सम्मिलित प्रश्नों में उपयुक्तता, सम्बन्धता और शृंखलाबद्धता होती है।
18. व्यक्तिगत विभिन्नताओ केआधार पर शिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
19. विकासात्मक तथा विचारात्मक प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए।
20. पाठ की अवधि,कक्षा का स्तर,विषय वस्तु, प्रकरण आदि सामान्य सूचनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए।
21. छात्रों के लिए श्याम/पाठ का सारांश भी सम्मिलित होता है। ताकि मुख्य शिक्षण के बिन्दु जाने जा सके।
22. गृहकार्य की व्यवस्था होनी चाहिए।
23. छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्नों, पुनरावृत्ति प्रश्नों और अभ्यासों के प्रश्नों का विवरण रहता हैं।
2. कक्षा में पाठ योजना विधिवत लिखित रूप में होनी चाहिए।
3. पाठ योजना में शिक्षण के उद्देश्यों का विवरण स्पष्ट व व्यावहारिक होता हैै।
4. पाठ योजना में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री का उल्लेख करना चाहिए जैस-चार्ट, ग्राफ, रेखागणित, माॅडल, स्लाइड, मानचित्र,फिल्म स्ट्रिप,स्लाइड आदि।
5. आदर्श पाठ योजना विद्यार्थियों की पूर्व ज्ञान पर आधारित होनी चाहिए।
6. स्तरानुकूल पाठ आधुनिक विषय वस्तु होती है जो शिक्षण बिंदु या संप्रत्ययों के रूप में लिखी जाती है।
7. छात्रों के क्रिया-कलापों व अधिगम क्रियाओं का अच्छा ज्ञान होता है।8. नवीन ज्ञान एवं पूर्वज्ञान का सम्बन्ध होता है।
9. शिक्षक को यह आभास बना रहता है कि उसका शिक्षण कहाँ तक सार्थक रहा है।
10. पाठ योजना में पाठ की अवधि, कक्षा के स्तर, विषयवस्तु प्रकरण आदि सामान्य सूचना का उल्लेख रहता है।
11. पाठ योजना में व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखकर शिक्षण की व्यवस्था होती है।
12. पाठ को उचित सोपान में विभाजित कर देना चाहिए।
13. पाठ योजना में भाषा की सरलता स्पष्टता होनी चाहिए।
14. पाठ के लिए उपयुक्त शिक्षण विधि के प्रयोग की और संकेत किया जाना चाहिए।
15.विषय वस्तु का यथासंभव दूसरे विषय से समन्वय स्थापित होना चाहिए।
16. यथास्थान उदाहरणो का प्रयोग किया हुआ होना चाहिए।
17. पाठ योजना में सम्मिलित प्रश्नों में उपयुक्तता, सम्बन्धता और शृंखलाबद्धता होती है।
18. व्यक्तिगत विभिन्नताओ केआधार पर शिक्षण देने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
19. विकासात्मक तथा विचारात्मक प्रश्नों का प्रयोग करना चाहिए।
20. पाठ की अवधि,कक्षा का स्तर,विषय वस्तु, प्रकरण आदि सामान्य सूचनाओं का उल्लेख किया जाना चाहिए।
21. छात्रों के लिए श्याम/पाठ का सारांश भी सम्मिलित होता है। ताकि मुख्य शिक्षण के बिन्दु जाने जा सके।
22. गृहकार्य की व्यवस्था होनी चाहिए।
23. छात्रों के मूल्यांकन के लिए प्रश्नों, पुनरावृत्ति प्रश्नों और अभ्यासों के प्रश्नों का विवरण रहता हैं।