नाभि खिसकने का इलाज: नहीं होगी दर्द, दस्त, पेट फूलना और मरोड़ जैसी परेशानी बस करें ये 6 काम -Navel displacement or nabhi khisakna : causes and symptoms
नाभि का खिसकना शायद आप सभी लोगों को पता होगा. घर में आपने कभी ने कभी जरूर इसके बारे में सुना होगा. इस बात को गोला खिसकना भी बोलते हैं. लोग अधितर यह बोलते सुने जाते हैं कि इसकाम को करने से मेरी नाभि (गोला) खिसक गई । इसके बाद लोग पेट दर्द, घबराहट, जी मिचलाने की शिकायत करते हैं । नाभि खिसकना वास्तव में क्या होता है. इसके बारे में थोड़ा आप लीजिए. नाभि के स्थान पर नाड़ी का ऊपर या नीचे की ओर खिसकना ही नाभि खिसकना कहलाता है. नाभि अक्सर भारी वजन उठाने, अचानक झुकने, सीढ़ियां चढ़ने, अचानक मुड़ने, ज्यादा मसालेदार भोजन करने या कुछ मामलों में यौन गतिविधियों के कारण खिसक जाती है ।
जो व्यक्ति एक पैर पर ज्यादा देर तक दवाब डालकर खड़े रहते हैं या भार उठाते समय एक तरफ ज्यादा जोर देते हैं उनकी नाभि खिसक सकती है. आयुर्वेद के मुताबिक जैसे रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ सकता है, उस तरह नाभि और पेट की मांसपेशियों में भी मरोड़ आ सकती है. ऐसा होने पर नाभि अपनी जगह से हटकर ऊपर या नीचे चले जाती है.
अगर नाभि नीचे की ओर खिसकती है तो दस्त और पाचन में गड़बड़ी होती है. वहीं ऊपर की और खिसकने पर उल्टी, जी मिचलाना, घबराहट या कब्ज हो जाता है. आगे-पीछे खिसकती है तो पेट में दर्द होता है. महिलाओं की नाभि खिसकने पर मासिक धर्म अनियमित हो सकता है. कई बार ये लक्षण किसी और वजह से भी हो सकते हैं ।

नाभि खिसकने (Navel displacement) को धरण पड़ना और धरण गिरना भी कहते हैं। इस रोग में पेट में दर्द, दस्त, पेट फूलना और मरोड़ जैसी परेशानी होने लगती है। कई बार पेट दर्द ठीक करने की दवा और इलाज के बाद भी दर्द से छुटकारा नहीं मिलता है। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति को समझ नहीं आता कि ये दर्द किस कारण हो रहा है। हालांकि इसके लक्षणों को पहचान कर सही तरीके से नाभि का इलाज हो सकता है।पुरुषों में नाभि हटने की समस्या ज्यादातर लेफ्ट साइड होती है और महिलाओं में राइट साइड ज्यादा होती है। नाभि शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा है, इसे शरीर का केंद्र बिंदु भी माना जाता है। इसलिए इसका सही जगह पर होना बहुत जरूरी होता है।
नाभि खिसकने का इलाज : नहीं होगी दर्द, दस्त, पेट फूलना और मरोड़ जैसी परेशानी बस करें ये 6 काम - Navel displacement or nabhi khisakna - causes and symptoms, medical treatment and home remedies, prevention tips and risk factors
इन तरीकों से जानें नाभि खिसकी है या नहीं -
यह सुनिश्चित करने के लिए कि क्या वाकई नाभि खिसकी है तो इसके लिए घर पर ही कुछ तरीकों से जान सकते हैं । एक तरीके में नाभि से पैर के अंगूठे की दूरी नापते हैं. इसमें पहले तो पीठ के बल सीधा लेटें और फिर एक रस्सी से नाभि से पैरों के अंगूठे की दूरी किसी को नापने को कहें. दोनों पैरों के अंगूठों की दूरी में कितना अंतर है, इससे नाभि खिसकने के संकेत मिलते हैं । नाभि में नाड़ी ढूंढना एक अन्य तरीका है. इसमें पीठ के बल लेटते हुए अपने हाथ का अंगूठा नाभि के स्थान पर रखना होता है । यदि अंगूठे पर नाभि में धड़कन का एहसास हो तो सही जगह है वरना नाभि खिसक गई है ।
पर कभी-कभी कुछ भारी सामान उठाने के कारण नाभि अपनी जगह से खिसक जाती है। नाभि खिसकने पर पेट में दर्द, गैस, भूख ना लगना, टांगों में कंपकपाहट, घबराहट आदि समस्याएं सामने आने लगती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके इस्तेमाल से आप नाभि खिसकने की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

नाभि खिसकने के कारण -
1- हमारे शरीर में हज़ारों की संख्या में नाड़ियां होती है जिनका उदगम स्रोत नाभि स्थान है। ऐसे में किसी भी नाड़ी में कोई परेशानी होने पर उसका असर नाभि स्थान पर पड़ता है।
2- समय पर आहार ना लेना, पूरी नींद ना लेना, कसरत ना करना और गलत जीवनशैली की वजह से हमारे शरीर की नाड़ियां कमजोर होने
लगती है जिसका असर नाभिस्थान पर पड़ता है जिससे नाभि हटने की समस्या आती है
3- खेल कूद करते समय भी कई बार नाभि खिसक जाती है।
4- अचानक से दाएं बाएं झुकना, अचानक भरी वजन उठाना, चलते चलते अचानक गड्ढे में पैर जाना, तेजी से सीढ़ियां चढ़ना उतरना और अचानक से एक पैर पर झटका लगने की वजह से नाभि खिसकने की परेशानी हो जाती है ।
5- पेट में गैस , पेट में कोई चोट लगना, ज्यादा तनाव लेना और प्रेगनेंसी में पेट पर दबाव पड़ना
कुछ ऐसे कारण है जिससे नाभि का रोग हो सकता है।
नाभि खिसकने के घरेलू उपाय -
अगर आपकी नाभि खिसक गई है तो 10 ग्राम सौंफ को लेकर पीस लें, अब सौंफ के पाउडर में 50 ग्राम गुड़ मिलाकर सुबह खाली पेट में सेवन करें। अगर आप दो या तीन दिन तक सौंफ और गुड़ का सेवन करते हैं, तो आपकी नाभि अपनी सही स्थान पर आ जाएगी।
सरसों के तेल के इस्तेमाल से भी नाभि के खिसकने की समस्या को ठीक किया जा सकता है। इसके लिए 3 दिन तक लगातार सुबह खाली पेट में सरसों के तेल की कुछ बूंदों को अपनी नाभि में डालें। ऐसा करने से आपकी नाभि खिसकने की समस्या ठीक हो जाएगी।
सूखे हुए आंवले को पीसकर उसका पाउडर बना लें। अब एक चम्मच आंवले के पाउडर में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर अपनी नाभि के चारो तरफ लगाएं और 2 घंटों के लिए छोड़ दें। अगर आप
दिन में दो बार ऐसा करते हैं तो आपकी नाभि अपनी जगह पर आ जाएगी।
50 ग्राम गुड़ और 10 ग्राम सौंफ पीस कर मिला ले और सुबह खाली पेट इस मिश्रण को खाएं। अगर एक बार इस घरेलू नुस्खे को करने से नाभि ठीक ना हो तो अगले 2 से 3 दिन तक ये उपाय करे, इससे नाभि अपने स्थान पर आ जाएगी।
नाभि खिसकने का इलाज के लिए पेट के योग आसन करे। इससे धरण जल्दी ही अपनी जगह पर आ जाएगी।
सुबह खाली पेट पीठ के बल लेट कर दोनों पैर पास लाए और सीधे करे व हाथों को जमीन पर सीधे रखे। अब अपने दोनों पैरों को एक साथ धीरे धीरे 45 डिग्री तक ऊपर उठाये फिर धीरे धीरे निचे करे। इस आसन को 3 बार दोहराए, नाभि अपनी जगह पर आ जाएगी। इसे योग में उत्तानपादासन कहते है।
नाभि पर मालिश कर इसे सही जगह लाया जाता है लेकिन यह घर के बड़े-बुजुर्ग ही कर सकते हैं जो कि इसमें विशेषज्ञ हों. मसाज के दौरान एक्युप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डाला जाता है ।
दीये का इस्तेमाल कर भी उपाय किया जा सकता है । इसके लिए जमीन पर लेटें और फिर दीये में तेल डालकर इसे जलाते हुए नाभि के बीच में रखना चाहिए. इस दीये के ऊपर कांच की गिलास रखें और गिलास पर हल्का सा दबाव डालें ताकि हवा बाहर न आएं ।
दीये के अंदर बनी भाप से गिलास नाभि से चिपक जाएगी । इसे हल्के हाथ से उठाने पर त्वचा भी ऊपर उठेगी । हवा बाहर आएगी और नाभि की त्वचा सामान्य स्थिति में आएगी. नाभि पर दबाव पड़ने से यह सही जगह आ जाएगी ।
कुछ योगासनों का सहारा लेकर भी राहत पा सकते हैं । नाभि खिसकने पर भुजंगासन, वज्रासन, चक्रासन, धनुरासन, मकरासन मत्स्यासन करने से फायदा होता है ।