झाँसी की रानी की समाधि पर कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17

झाँसी की रानी की समाधि पर कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17

झाँसी की रानी की समाधि पर शब्दार्थ -  कक्षा 5 हिंदी कलरव

दिव्य = चमकता हुआ, अति सुन्दर
लघु = छोटी
भग्न = टूटी हुई
संचित = इकट्ठा
फूल = चिता जलने के बाद हड्डियों के अवशेष
मूल्यवती = बहुत कीमती
निहित = छिपा कर रखा हुआ
निशीथ = अर्धरात्रि, क्षुद्र
जन्तु = छोटे जीव जन्तु
गिरा = वाणी

झाँसी की रानी की समाधि पर कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17

इस समाधि ………………………………..……………….. मरदानी की।

संदर्भ – यह पद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘कलरव’ के ‘झाँसी की रानी की समाधि पर’ नामक पाठ से लिया गया है। इसकी कवयित्री ‘सुभद्रा कुमारी चौहान’ हैं।

भावार्थ – कवयित्री सुभद्राकुमारी चौहान रानी लक्ष्मीबाई की समाधि के विषय में कहती हैं कि इस समाधि में राख की एक ढेरी छिपी है। वह जलकर अमर हो गई। उसने स्वतंत्रता की बलिवेदी पर मिटकर अपनी चिता की ज्वाला के रूप में चमकती हुई सुन्दर आरती की। यह छोटी समाधि उस वीरांगना लक्ष्मीबाई की अंतिम लीलास्थली है।

यहीं कहीं ………………………………………… ज्वाला-सी॥

भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई टूटी हुई विजयमाला के समान इसी समाधि के आस-पास स्वर्ग सिधार गई। उनकी हड्डियों के अवशेष (फूल) यहीं पर इकट्ठे हैं, मानो यह समाधि उनका स्मृति स्थल हो। उस वीरांगना ने अंग्रेजों के अनेक हमले मरने तक सहन किए। उसने स्वाधीनता के महायज्ञ में अपनी आहुति दे दी। चिता की ज्वाला से उसका व्यक्तित्व और भी चमकीला बन गया।

बढ़ जाता है …………………………….…………. चिनगारी॥

भावार्थ – युद्ध में वीरगति पाने से वीर योद्धा का मान-सम्मान बढ़ जाता है, ठीक वैसे ही जैसे- स्वर्ण-भस्म स्वर्ण से भी मूल्यवान होती है। हमें अब रानी की समाधि, उनसे भी अधिक प्रिय लगने लगी है। क्योंकि इसमें स्वाधीनता की आशा की चिंगारी निहित है।

इससे भी सुन्दर …………………………………………….. बानी॥

भावार्थ – रानी लक्ष्मीबाई की समाधि से भी सुन्दर समाधियाँ संसार में मौजूद हैं परन्तु उन समाधियों की कहानी आधी रात में छोटे-मोटे जन्तु ही सुनते-सुनाते हैं। अर्थात् उन पर अन्धेरे में कीडे-मकोडे बोलते विचरते हैं लेकिन रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की अमर कहानी कवियों की वाणी में चिरस्मरणीय हो गई है। वीरों की शौर्य-गाथाएँ कवि लोग स्नेह और श्रद्धा के साथ बखान करते हैं।

बुन्देले ……………………………………..………… वाली रानी॥

भावार्थ – कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान कहती हैं कि हमने बुन्देलखण्ड के रहनेवाले लोगों से रानी की वीरता की कहानियाँ सुनी हैं। इस वीरांगना ने अँगरेजों से डटकर लोहा लिया था, जिसके कारण वह झाँसी की रानी के नाम से प्रसिद्ध हुई।

झाँसी की रानी की समाधि पर अभ्यास प्रश्न

भाव बोध :

प्रश्न १.
उत्तर दो
(क) रानी की समाधि में किस प्रकार की राख की ढेरी छिपी है?
उत्तर:
रानी की समाधि में स्वाधीनता की चिनगारी की राख की ढेरी छिपी है।

(ख) ‘रानी की समाधि में स्वतन्त्रता की आशा की चिंगारी छिपी है’ ऐसा क्यों कहा गया है?
उत्तर:
ऐसा इसलिए कहा गया है कि १८५७ का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम बाद में मिली स्वतंत्रता (१५ अगस्त, १९४७) का पूर्व प्रतीक था।

झाँसी की रानी की समाधि पर कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17

(ग) रानी की समाधि तथा अन्य समाधियों में क्या अंतर है?
उत्तर:
अन्य समाधियाँ चाहे बहुत सुन्दर बनी हों, परन्तु उनकी गाथाएँ कीड़े-मकोड़े गाते हैं; जबकि रानी लक्ष्मीबाई की समाधि की कहानी स्नेह और श्रद्धा के साथ कवियों की वाणियों में अमर है।

(घ) झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का नाम इतिहास में अमर क्यों है?
उत्तर:
रानी ने देश को स्वाधीन कराने के लिए अभूतपूर्व युद्ध कौशल दिखाते हुए, अंग्रेजों से लोहा लिया। इस कारण वह इतिहास में अमर हैं।

प्रश्न २.
नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट करो (स्पष्ट करके)
(क) पर कवियों ………………………………… बानी॥
(ख) बढ़ जाता ………………..……………….. सोने से॥
नोट – विद्यार्थी इन पंक्तियों के लिए पाठ का भावार्थ पढ़ें।

प्रश्न ३.
रिक्त स्थानों की पूर्ति करो (पूर्ति करके)
यहीं कहीं पर बिखर गई वह भग्न विजयमाला-सी। उसके फूल यहीं संचित हैं, है यह स्मृतिशाला-सी।

झाँसी की रानी की समाधि पर कक्षा 5 हिंदी कलरव | UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav Chapter 17

प्रश्न ४.
‘क’ वर्ग में दिए शब्दों के समानार्थी शब्द ‘ख’ वर्ग से ढूँढ़कर लिखो
‘क’ – ‘ख’
स्वतंत्र – स्वाधीन
गाथा – कहानी
गिरा – वाणी
रण – युद्ध
संचित – एकत्र
भस्म – राख

अब करने की बारी
नोट – विद्यार्थी अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।
UP Board Solutions for Class 5 Hindi Kalrav

Previous Post Next Post