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डार्क वेब या डार्क नेट साइबर अपराध की दुनिया में एक तरह का अंडरवर्ल्ड माना जाता है। डार्क नेट जिसे डीप वेब साइबर अपराध की काली दुनिया कहें तो अतिशयोक्ति नही होनी चाहिए। डार्क वेब पर वेब सीरीज (dark web series in hindi) भी बनी है । जिसे देेखकर डार्क वेब को समझा जा सकता है । डार्क वेब या डीप वेब का नाम सुनते ही हमारे ज़ेहन कुछ सवालों ने जन्म लिया होगा मसलन - डार्क वेब या डार्क नेट क्या है ? डार्क वेब किसने बनाया ? डार्क वेब डाउनलोड कैसे करें ? डीप वेब क्या है ? डार्क वेब हैकिंग के अलावा और कौन से काम करती है? आदि आदि। इस सभी सवालों के जवाब आपको इसी आलेख में मिलने वाले हैं। बस इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा।
आज हम सभी लोग इंटरनेट की 4जी, और 5जी स्पीड का आनंद ले रहें हैं। सोशल मीडिया सहित ऑनलाइन ई कामर्स स्टोर से ऑनलाइन शोपिंग हम इंटरनेट के माध्यम से करते हैं। हमारी एक्टिविटी इंटरनेट पर निर्भर हो गयी है। लेटेस्ट अपडेट, शोपिंग, के साथ साथ अब तो खाना भी ऑनलाइन मिलने लगा है।
अब आप समझेंगे की आपने इंटरनेट पर लगभग सभी चीजों को एक्सप्लोर कर लिया है। एक फ़ैक्ट आप जानेंगे तो निश्चित रूप से चौंक जाएँगे। हम सभी लोग इंटरनेट पर मौजूद मात्र 4 फ़ीसदी जानकारी को ही एक्सप्लोर करते हैं। सभी वेब ब्राउजर मसलन Google,Yahoo, Baidu, Bing, Yandex, Ask, AOL, DuckDuckGo या कोई दूसरे वेब search engine इंटरनेट पर मौजूद वेब वर्ल्ड का 4 प्रतिशत ही डेटा एक्सप्लोर करते हैं। बाक़ी का 96 फ़ीसदी जो वेब डेटा सर्च इंजन नही कवर करते हैं जिनके बारे में हम सब को कुछ नही पता है। ये वेब डेटा आम इंसान के पहुँच से परे होता है।
सर्च इंजन की पहुँच से परे इंटरनेट के इसी हिस्से को डार्क वेब कहा जाता है। इसे डार्क नेट या डीप वेब भी कहा जाता है। इसका इस्तेमाल साइबर अपराध की दुनिया से जुड़े साइबर के शातिर अपराधी करते हैं। इस डार्क वेब के ज़रिए सभी ग़ैरक़ानूनी जैसे online drugs की selling, pornography, hacking आदि एक्टिविटी होती है। भारत सहित विश्व के कई देशों में डार्कवेब व डार्क वेबसाइट पर सर्फ़िंग करना ग़ैरक़ानूनी है।
डार्क वेब या डार्क नेट क्या है ? डीप वेब साइबर अपराध की काली दुनिया | What is dark web or dark net? Know all about Cyber Crime Underworld Dark Web in hindi
आज मोबाइल साथी डॉट कॉम की टीम आपके लिए इंटरनेट से जुड़ी बेहद अनोखी जानकारी लेकर आए हैं। जिसमें हम साइबर अपराध की काली दुनिया डार्क वेब या डार्क नेट या डीप वेब, के बारे में जानकारी देंगे। डार्क वेब या डार्क नेट के बारे में हम अधिक जाने, इसके पहले हम जान लें कि इंटरनेट क्या है ? दरअसल इन्टरनेट एक दुसरे से जुड़े कई कंप्यूटरों का जाल है जो राउटर एवं सर्वर के माध्यम से दुनिया के किसी भी कंप्यूटर को आपस में जोड़ता है । इसे हम सरल भाषा में समझें तो सूचनाओ के आदान प्रदान करने के लिए TCP/IP Protocol के माध्यम से दो कंप्यूटरों के बीच स्थापित सम्बन्ध को internet कहते हैं । आप यह जानकर ताज्जुब होगा कि इन्टरनेट विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है । हमारे देश भारत में इन्टरनेट की शुरुआत 14 अगस्त 1995 को हो गयी थी । लेकिन इंटरनेट को सार्वजानिक रूप से 15 अगस्त 1995 को “विदेश संचार निगम लिमिटेड” यानि VSNL द्वारा चालू किया गया था। जब भारत में इन्टरनेट की शुरुआत हुई थी तब इससे मात्र 20-30 कंप्यूटर ही जुड़े थे । उस समय इन्टरनेट का इस्तेमाल महत्वपूर्ण सूचनाओं के आदान प्रदान करने के लिए किया गया था । उस समय इंटरनेट की स्पीड मात्र 8-10 kbps थी। और ये भी बताते चलें कि उस समय इंटरनेट का मासिक खर्च 500-600 रुपए के क़रीब था। जो काफ़ी अधिक थी।
डार्क वेब या डार्क नेट क्या है ? | What is Dark web or dark net
इंटरनेट के सदुपयोग और दुरुपयोग की बहस में डार्क वेब हमेशा से चर्चा का बिंदु रहा है। पिछले दिनों जब हैकरों ने कुछ वेबसाइटों के डेटा हैक कर लिये तब यह पुनः चर्चा में आ गया। क्या है डार्क नेट? इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइटें हैं जो आमतौर पर प्रयोग किये जाने वाले गूगल, बिंग जैसे सर्च इंजनों और सामान्य ब्राउज़िंग के दायरे से परे होती हैं। इन्हें डार्क नेट या डीप नेट कहा जाता है। सामान्य वेबसाइटों के विपरीत यह एक ऐसा नेटवर्क होता है जिस तक लोगों के चुनिंदा समूहों की पहुँच होती है और इस नेटवर्क तक विशिष्ट ऑथराइज़ेशन प्रक्रिया, सॉफ्टवेयर और कन्फिग्यूरेशन के माध्यम से ही पहुँचा जा सकता है। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 देश में सभी प्रकार के प्रचलित साइबर अपराधों को संबोधित करने के लिये वैधानिक रूपरेखा प्रदान करता है। ऐसे अपराधों के नोटिस में आने पर कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ इस कानून के अनुसार ही उचित कार्रवाइयाँ करती हैं। एक्सेस (Access) के संदर्भ में इंटरनेट को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटा जाता है-
1. सरफेस वेब (Surface Web)-
यह इंटरनेट का वह भाग है जिसका आमतौर पर हम दिन-प्रतिदिन के कार्यों में प्रयोग करते हैं। जैसे गूगल या याहू पर कुछ भी सर्च करते हैं तो हमें सर्च रिज़ल्ट्स प्राप्त होते हैं और इसके लिये किसी विशिष्ट अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। ऐसी वेबसाइटों की सर्च इंजनों द्वारा इंडेक्सिंग की जाती है। इसलिये इन तक सर्च इंजनों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है ।2. डीप वेब (Deep Web) -
इन तक केवल सर्च इंजन के सर्च परिणामों की सहायता से नहीं पहुँचा जा सकता। डीप वेब के किसी डॉक्यूमेंट तक पहुँचने के लिये उसके URL एड्रेस पर जाकर लॉग-इन करना होगा, जिसके लिये पासवर्ड और यूज़र नेम का प्रयोग करना होगा। जैसे-जीमेल अकाउंट, ब्लॉगिंग वेबसाइट, सरकारी प्रकाशन, अकादमिक डेटाबेस, वैज्ञानिक अनुसंधान आदि ऐसी ही वेबसाइट्स होती हैं जो अपने प्रकृति में वैधानिक हैं किंतु इन तक पहुँच के लिये एडमिन की अनुमति की आवश्यकता होती है।3. डार्क वेब (Dark Web) डार्क वेब अथवा डार्क नेट -
dark net kya hota hai - इसे हम सरल भाषा में में समझें तो यह deep web का वह हिस्सा है जिसे search engines द्वारा index नही किया जाता है। ऑनलाइन सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक़ महज़ 4 प्रतिशत internet data access आम पब्लिक के लिए visible होता है। बाक़ी 96 प्रतिशत वेब डाटा इंटरनेट का वह भाग है जिसे आमतौर पर प्रयुक्त किये जाने वाले सर्च इंजन से एक्सेस नहीं किया जा सकता। इसका इस्तेमाल मानव तस्करी, मादक पदार्थों की खरीद और बिक्री, हथियारों की तस्करी जैसी अवैध गतिविधियों में किया जाता है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के रिकॉर्ड के अनुसार, 2015 से 2017 की अवधि में विभिन्न दवा कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा चार मामले दर्ज किये गए थे जिनमें नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों की बिक्री तथा खरीद के लिये ‘डार्क नेट’ का इस्तेमाल किया गया था।dark web या dark net में क्या होता है ? डार्कवेब कैसे काम करता है?
डार्कवेब शातिर हैकर्स व साइबर क्रिमिनलस का अड्डा है। डार्कवेब के ज़रिए ऑपरेट होने वाली सभी industries जो कि darknet markets कहलाते हैं। इस black market में सभी ग़ैरक़ानूनी गतिविधियाँ व उत्पाद ख़रीदे व बेचे जाते हैं।
darknet markets के बारे में हम सरल भाषा में कहें तो जिस कामों का विरोध व निगरानी governments और law enforcement agencies करती हैं वे सभी काम यहाँ पर होते हैं मसलन - porn, child trafficing, government के secrets, व defence secrets, ऑनलाइन किलिंग के लिए सुपारी भी डार्कनेट के ज़रिए दी जाती है। किसी की वेबसाइट हैकिंग आदि सभी काम इस ख़तरनाक वेबवर्ल्ड में होते हैं। computer system hack करने के लिए ज़रूरी उपकरण, सभी प्रकार के drugs, guns, hacked Netflix accounts, और यहाँ आप credit card numbers भी खरीद सकते हैं ।
डार्क वेब या डार्क नेट को कम्प्यूटर में कैसे एक्सेस करें - How to access dark web or dark net in computer full detailed in hindi
डार्क वेब या डार्क नेट की बहुत काम की चीज़ है। ऐसा नही नही है की डार्क वेब में antisocial activities या cyber crime ही होता है। कुछ ग़ैर क़ानूनी गतिविधियों को छोड़ दें तो यह काफ़ी उपयोगी भी है। कई बिज़नेसमैन इसका उपयोग अपने बिज़नेस इम्प्रूव करने में करते हैं। साइबर पुलिस डार्क वेब का इस्तेमाल साइबर क्रिमिनल को पकड़ने में करते हैं। चलिए जानते हैं कि डार्क वेब या डार्क नेट को कम्प्यूटर में कैसे एक्सेस करते हैं । डार्क वेब या डार्क नेट को chrome browser, firefox browser, या किसी और browser से आप एक्सेस नही कर सकते हैं। इसके लिए आपको dark web browser को download करना होगा जिसे की TOR browser bundle भी कहते हैं । लेकिन इस बात का विशेष ख़याल रखें कि TOR browser bundle केवल official TOR website से ही download करें ।डार्क वेब एक्सेस करने के लिए TOR Official Website से TOR Web Browser download करें ।
TOR Official Website: https://www.torproject.org/download/download.html
कम्प्यूटर के सभी program को close कर TOR browser bundle, dark web browser जिसे Onion browser भी कहते हैं, download कर लें। जब फ़ाइल computer में download हो जाए, ब आप double-click कर सकते हैं downloaded file को, और साथ में destination folder का चुनाव कर सकते हैं । TOR browser bundle को अपने PC में download कर लें। जब dark browser download हो जाए उस folder को open करें जहाँ आपने TOR browser को extract किया था और फिर double-click करें “Start Tor Browser” । अब TOR start page खुल जायेगा । अब आपके pc में Dark web browser का access मिल जाएगा। अब आप इंटरनेट की इस अनोखी दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं। इसके बाद फ़ाइल को extract कर लें। extract करने पर TOR browser bundle setup मिलेगा। अब TOR browser bundle को PC में Install कर लें।
डार्क वेब या डार्क नेट के कम्प्यूटर में एक्सेस करने से पूर्व की सावधानियाँ - Precautions before accessing dark web or dark net in computer
डार्क वेब ब्राउज़र एक्सेस करने से पहले अपने कम्प्यूटर पर anonymity और security मज़बूत कर लें। इसके लिए कोई Premium VPN Service ख़रीद ले। VPN software का इस्तमाल करने से ये आपको और आपके IP Address को ISP और Government Agencies से छुपाती है । साथ ही आपके सभी Internet usage को भी encrypt कर देती है । इसके लिए आप Nord VPN, Strong VPN, HideMyIP, Cactus VPN, Kepard VPN और HideIPVPN का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए आपके real identity को ढूंड पाना लगभग नामुमकिन हो जाता है । आपको थोड़ी गलती से आपके ISP’s (Internet Service Providers) और Law Enforcement आपके गतिविधियों को हैकर्स track कर सकते हैं। जिससे आपकी पर्सनल जानकारी का दुरुपयोग हो सकता है। TOR Browser को अपडेट करते रहें। डार्क वेब से जुड़े Tor Browser का इस्तमाल करने वाले लोग वैसे तो बहुत ही secure network का इस्तमाल करते हैं । लेकिन कभी कभी सक्रिम पर आ रहे vulnerability Links पर क्लिक करने पर real IP address को hack कर लिया जाता है।डार्क वेब की साइट्स को टॉर एन्क्रिप्शन टूल की सहायता से छुपा दिया जाता है जिससे इन तक सामान्य सर्च इंजन से नहीं पहुँचा जा सकता। इसलिए इनके server details को खोज पाना लगभग नामुमकिन होता है ।
Dark Web browser का इस्तेमाल किस तरह ख़तरनाक हो सकता है -
इंटरनेट का साइबर अंडरवर्ल्ड डार्क वेब पर Dark Web को browse करना बहुत ही खतरनाक हो सकता है । अगर आपने डार्क वेब एक्सेस करते समय कुछ सावधानियाँ ध्यान में रखी तो आप शायद इन problems से दूर रह सकते हैं - ार्क वेब की वेबसाइट्स पर विज़िट करते समय बहुत सारी लिंक अपीयर होती रहती है। इस तरह के लिंक्स पर बिना सोचे समझे क्लिक करने पर ये लिंक्स ऐसे वेबसाइट्स पेज पर ले जाते हैं। जो आपके devices को infect कर सकते हैं। इसलिए virus dark web websites पर जल्दी से विश्वास न करे और न नही कुछ भी डाउनलोड न करें। डार्क वेब के इस्तेमाल के दौरान हैकर्स से भी सावधान रहें। Dark Web में ऐसे बहुत से hacker forums है । जहाँ पर किसी भी illigal activities करने के लिये इन computer hackers को hire कर सकते हैं । आपको इन Hackers से आपको दूर रहना होगा। क्यूंकि ये आसानी से आपके devices को hack कर सकते हैं । मतलब अपने काम से काम रखें।
Dark Web में ऐसी website भी हैं जो की एक remote administration tool — जिसे की “RAT” भी कहा जाता है ।
उसे आपके device में install करने के लिए उकसायेंगे । इससे होगा ये की वो आसानी से आपके webcam को hijack कर सकते हैं. वो फिर camera lens के जरिया आपके सभी गतिविधियों पर नज़र रख सकते हैं । इसलिए आप हमेशा Dark Web में browse करते वक़्त कोई paper या कपडे से lens के face को ढक सकते हैं । इससे उनके Webcam Hijacking वाले मनसूबों पर पानी फिर जायेगा । डार्क वेब से जुड़ी जानकरियाँ आप मोबाइलसाथी डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं। आपको ऊपर बताया जा चुका है की डार्क वेब पर विज़िट करना किसी कतरे से ख़ाली नही है ।
web का ये हिस्सा पूरी तरह से hidden और कुछ मामलों में illegal है। सभी देशों की साइबर पुलिस व हैकर्स की आखें डार्क वेब के हर ऐक्टिविटी पर चौकन्नी रहती है। अगर आप कच्चे खिलाड़ी हैं और कोई भी ग़ैरक़ानूनी गतिविधि की तो आप मुश्किल में आ सकते हैं।
इसलिए जब आप इन dark websites को visit कर रहे हों अपने microphone और camera को cover कर लें। dark websites को visit करने के दौरान personal details का इस्तमाल कभी भी ना करें। अगर आप इन dark websites का सही इस्तमाल कर रहे हैं जैसे की project search, तब तो ये अच्छी बात हो सकती है। लेकिन ध्यान रखें बहुत ज़रूरी होने पर ही dark web में प्रवेश करें वरना जैसे सभी browser पर accessible उस 4 फ़ीसदी वेब डाटा में खुश हैं आप भी उसे explore पर खुश रहें।
आशा है आज के इस लेख डार्क वेब या डार्क नेट क्या है ? साइबर अपराध की काली दुनिया डीप वेब के बारे में दी गयी जानकारी आपको ज़रूर पसंद आयी होगी। हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह लेख सिर्फ़ जानकारी मात्र के लिए है। हम किसी भी तरह डार्क वेब के इस्तेमाल के लिए किसी को भी प्रेरित नही कर रहे हैं। पाठक डार्क वेब की वेबसाइट पर अपने विवेक और ज़िम्मेदारी पर ही विज़िट करेंगे। किसी भी नुक़सान के लिए हमारी वेबसाइट और डिजिटल पब्लिशर्स ज़िम्मेदार नही होंगे।