What is Migraine, Symptoms, And Home Remedies for Migraine,
आधासीसी के दर्द को माइग्रेन, अधकपारी या अर्द्धशीशी कहते हैं। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में तेज दर्द होता है, मानो कोई हथौड़े मार रहा हो। यह दर्द सिर के आधे हिस्से में होता है तो कभी-कभी पूरे सिर में भी होने लगता है। इसमें सिरदर्द के समय सिर के नीचे की धमनियां बढ़ जाती हैं। दर्द वाले हिस्से में सूजन भी आ जाती है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों की माने तो माइग्रेन दिमाग या चेहरे की रक्त वाहिनियों में हुई गड़बड़ी से होने वाला दर्द है। इसके अलावा खान-पान, वातावरण में बदलाव, तनाव में बढ़ोतरी या ज्यादा सोने से भी हो सकता है। आमतौर पर आधासीसी का दर्द मौसम के बदलाव के कारण अथवा अधिक तनाव लेने वाले लोगों को होता है। यह सिर के एक विशेष हिस्से में होता है। इसमें आधा सिर में बहुत तेज दर्द होता है। इसीलिए इसे आधासीसी कहा जाता है।
आधासीसी को कोई बीमारी नही है लेकिन लेकिन अगर ये दर्द बहुत ज्यादा तेज और असहनीय हो, यही नहीं लगातार सिरदर्द के बने रहने पर तो इसके माईग्रेन होने की संभावना बढ़ जाती है। जो काफी लंबे समय तक आपको परेशान कर सकती हैं।, लेकिन अगर ये दर्द आपको रोजाना परेशान करने लगे तो, यकीनन आप माईग्रेन की समस्या से पीड़ित हैं। माईग्रेन से पीड़ित व्यक्ति सिर के तेज दर्द से निढाल हो जाता है।
आधासीसी/माईग्रेन क्या है, आधासीसी के दर्द का घरेलू इलाज | What is Migraine, Symptoms, And Home Remedies for Migraine in hindi
कभी कभी तो मिचली भी आती है। खान-पान व अनियमित लाइफ़स्टाइल के कारण माईग्रेन से पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। मोबाइल साथी हेल्थनेचर सेग्मेंट में आपके लिए स्वास्थ्य से जुड़े आलेख पेश करता रहा है। आज हम आधासीसी अथवा माईग्रेन के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं इस लेख में हम जानने वाले हैं कि - Migraine माइग्रेन क्या होता है? (What is Migraine?), माइग्रेन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Migraine) , माइग्रेन क्यों होता है? (Causes of Migraine) Migraine causes, और माइग्रेन से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Migraine, इसके साथ हम माइग्रेन के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Migraine) के बारे में भी जानेंगे ।
आधासीसी - माइग्रेन क्या होता है? (What is Migraine?)
जैसा कि हमने लेख के शुरुआत में लिखा है सिर के आधे भाग में होने वाले तेज दर्द को आधासीसी या माईग्रेन कहा जाता है। सिर में तेज दर्द के कई कारण हो सकते हैं मसलन - मौसम में हो रहे बदलाव, खानपान में अनियमितता, इसके साथ अधिक टेंशन लेने से भी सिर तेज दर्द होता है। सरल भाषा में कहें तो यह एक प्रकार का सिर दर्द ही हैं। आधासीसी तंत्रिका तंत्र में विकार आने के वजह से होता है। यह सिरदर्द बार बार होता है। कभी कभी यह जेनेटिक भी होता है। कभी कभी यह दर्द कुछ घंटो तक रहता है और कभी ऐसी भी स्थिति आ जाती है कि माईग्रेन का तेजदर्द कई दिनो तक भी रहता है।माईग्रेन क्यों होता है? माईग्रेन या आधासीसी होने के कारण - Symptoms of Migraine or Causes of Migraine) Migraine causes
कुछ विशेषज्ञों के अनुसार माईग्रेन का एक बड़ा कारण है गैस कि समस्या । इसमें गैस गैस जब बढ़कर जब ऊपर चढ़ती है, पास नहीं हो पाती तो यह दिल व दिमाग पर असर करती है, इसी के परिणामस्वरूप सिर दर्द होता है। जबकि आयुर्वेद का मानता है कि माईग्रेन डायट और लाइफस्टाइल की वजह से वात, पित्त और कफ दोषों में बदलाव आने पर होता है। आयुर्वेद का वेदाचार्य के अनुसार शरीर में वात यानी वायु के अनियमित होने के कारण सिरदर्द होने होता है। जिससे न्यूरोलॉजी से संबंधित समस्याएं भी बढ़ती है। न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का सिर्फ दिमाग से ही नहीं गर्दन और कान से भी होता है इसलिए ब्रेन की एमआरआई या सीटी स्कैन करवाने पर इसके असली कारण का पता चलता है। माईग्रेन दो तरह का होता है एक क्लासिक माईग्रेन और नॉन क्लासिक माईग्रेन ।क्लासिक माईग्रेन
में लक्षणों का पता चल जाता है । क्लासिक माइग्रेन की अवस्था में रक्तवाहिनियां सिकुड़ने लगती है। जब किसी व्यक्ति को क्लासिक माईग्रेन हो जाता है तब उसे आखों से धुंधला दिखायी देने लगता है। कुछ लोगों में उनके कंधे में जकड़न अथवा जलन के भी लक्षण दिखायी देते हैं । आपके किसी परिचित में ऐसे लक्षण दिखे तो तुरंत किसी अच्छे चिकित्सक से संपर्क करें। सीटीस्कैन या एमआरआई में समस्या की जानकारी होती है। इसी प्रकार माईग्रेन के दूसरे प्रकारनॉन क्लासिक माइग्रेन
में समय-समय पर सिर में तेज दर्द होता है, पर अन्य लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे में सिर दर्द की शुरुआत के साथ ही दर्द निवारक दवा लेना आराम पहुंचाता है।
माईग्रेन या आधासीसी का एक बड़ा कारण है जीवनशैली और आहार और तनाव, जिसमें चलते काफ़ी लोगों की ज़िंदगी तनाव से भरपूर है और लोग इसे बदलने का अधिक प्रयास भी नहीं करते। धीरे-धीरे यही सब माइग्रेन के रूप में बदलने लगती है। सामान्य स्थिति से तनाव भरे माहौल में पहुंचने पर सिरदर्द बढ़ जाता है और ब्लडप्रेशर हाई होने लगता है। माइग्रेन बड़े रोग ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव आदि के कारण अधिक होता है। कभी कभी सर्दी लगना, वायरस और बुखार भी सिरदर्द के कारण बन जाते हैं।
असंतुलित खाद्य पदार्थ जैसे- बीयर, रेड वाइन, चॉकलेट, पनीर, एस्पार्टेम, मोनोसोडियम ग्लूटामेट और अधिक कैफीन का इस्तेमाल करने से भी माइग्रेन होता है। इसके अलावा महिलाओं में आधासीसी अथवा माईग्रेन का कारण हार्मोनल भी होते हैं।
हालाँकि यह प्राकृतिक बदलाव या हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है। ऐसा खासकर महिलाओं में होता है । जहाँ एस्ट्रोजेन हार्मोन के स्तर में कमी होने पर सिरदर्द होता है। महिलाओं को पीरियड्स के समय या उससे पहले सिरदर्द हो सकता है। अधिक सोने या रात में अधिक जागने पर भी माईग्रेन हो सकता है।
मौसमी बदलाव भी माईग्रेन का एक कारण है। कभी कभी अधिक शारीरिक श्रम भी आधासीसी का कारण होता है । इसके अलावा प्राकृतिक वातावरण जैसे- तेज धूप, धूप के कारण आंखे चुंधियाना, तेज आवाज, परफ्यूम, बदबू (पेंट, थिनर, धुएं) आदि के कारण भी किसी - किसी व्यक्ति में तेज सिर दर्द होता है।
माईग्रेन रोगी की पहचान कैसे करें - (Symptoms of Migraine)
माइग्रेन के कारण होने वाले सिरदर्द की पहचान ‘ऑरा’ से होती है। ‘ऑरा’ दृष्टि संबंधी परेशानी यानी विजुअल डिस्टर्बेंस हैं, जिसमें मरीज को रुक-रुककर चमकीली रोशनी, टेढ़ी-मेढ़ी रेखाएं दिखाई देती हैं, आंखों के सामने काले धब्बे दिखाई देते हैं, स्किन में चुभन होती है और कमजोरी महसूस होती है। आंखों के नीचे काले घेरे होना, गुस्सा, चिड़चिड़ापन सिर के एक ही हिस्से में दर्द होना आदि लक्षण होते हैं। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रहकर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, मितली, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा माइग्रेन में रोशनी, तेज आवाज से परेशानी महसूस होती है। इनमें से कोई एक या ज्यादा लक्षणों को पहचानकर माइग्रेन का अंदाजा लगाया जा सकता है।आधासीसी/माइग्रेन के सिरदर्द के घरेलू इलाज (Home Remedies for Migraine)-
आम तौर पर माइग्रेन की समस्या से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके सेवन से माइग्रेन को सामान्य अवस्था में लाने में आसानी होगी।
आइस पैक माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Ice pack to Get Relief from Migraine in Hindi)
माइग्रेन की वजह से सूजी मांसपेशियों को रिलैक्स करने के लिए आइस पैक काफी फायदेमंद होता है। एक साफ टॉवल में आइस के कुछ टुकड़े रखें और उससे सिर, माथे और गर्दन के पीछे 10-15 मिनट सिकाई करें। पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे आइस पर डालने से असर जल्दी होता है। जब भी जरूरत लगे, इस्तेमाल करें।
पिपरमिंट माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Peppermint to Get Relief from Migraine in Hindi)
पिपरमिंट में सूजन को कम करने के गुण होते हैं। साथ ही, यह मन को शांत और स्थिरता करने में मदद करता है। आप पिपरमिंट चाय पी सकते हैं या फिर पिपरमिंट ऑयल की कुछ बूंदे एक चम्मच शहद के साथ आधे गिलास पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं। पिपरमिंट ऑयल से सिर और माथे पर 20-25 मिनट मालिश करने से भी फायदा होता है।
सेब का सिरका माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Apple Cider Vinegar to Get Relief from Migraine in Hindi)
एप्पल सिडार विनेगार यानी सेब का सिरका माइग्रेन में राहत दिलाता है। एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच सेब का सिरका और एक चम्मच शहद डालकर पिएं। करीब 30 दिन लगातार पीने से राहत मिलेगी। जब माइग्रेन हो या महसूस हो कि होने वाला है तो 2-3 चम्मच लें। यह शरीर को साफ करने, शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल, वजन कम करने के अलावा हड्डियों और जोड़ों के दर्द में भी राहत दिलाता है। सेब का सिरका नहीं है तो आप सेब भी खा सकते हैं। ग्रीन एप्पल को सूंघना भी फायदेमंद हो सकता है।
लैवेंडर का तेल माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Lavender Oil to Get Relief from Migraine in Hindi) -
यह सामान्य सिरदर्द और माइग्रेन के दर्द दोनों के लिए एक घरेलू उपचार है। लोगों का मानना है कि इसकी खुशबु माइग्रेन के लिए काफी प्रभावशाली होती है। गर्म पानी में लैवेंडर तेल की कुछ बूंद डालकर सूंघने से बेहद आराम मिलता है ।
तुलसी का तेल माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Benefit of Lavender Oil to Get Relief from Migraine in Hindi)
सभी तुलसी के प्राकृतिक गुणों से परिचित है लेकिन हम आपको बता देते हैं कि तुलसी का तेल माइग्रेन के दर्द में भी काफी प्रभावशाली होता है। तुलसी के तेल का इस्तेमाल करने से माइग्रेन के दर्द में काफी आराम मिलता है। तुलसी का तेल मांसपेशियों को आराम देता है जिससे तनाव कम होता है और दर्द से राहत मिलती है।
दैनिक आहार में बदलाव माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Chages in Daily Diet to Get Relief from Migraine in Hindi)
सिर के दर्द को कम करने और माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए आपको अपने दैनिक आहार में कुछ परिवर्तन करने होंगे। माइग्रेन से पीड़ित व्यक्ति को साधारण मक्खन की जगह पीनट बटन यानि मूंगफली से बने मक्खन का इस्तेमाल करना चाहिए साथ ही एवोकाडो, केला और खट्टे फल आदि का इस्तेमाल करना भी लाभकारी होता है।
सिर की मालिश माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Head Massage to Get Relief from Migraine in Hindi) -
कहते हैं कि तनाव को दूर करने के लिए सिर की मालिश बहुत कारगर उपाय है माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए सिर के पीछे के हिस्से की मालिश करने से माइग्रेन के दर्द में राहत मिलती है इसके साथ ही हाथ पैरों की मालिश भी करनी चाहिए। इससे शरीर में रक्त संचार बढ़ता है।
अदरक माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Ginger to Get Relief from Migraine in Hindi)-
अदरक माइग्रेन के दौरान जी मचलाने या उल्टी होने जैसे लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा इससे सूजन और दर्द भी कम होता है, अदरक को छीलकर टुकड़े करके पानी में उबालकर ठण्डा कर लें और इस पानी में शहद और नींबू की कुछ बूंद डालकर पीने से काफी लाभ मिलता है।
कॉफी माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Coffee to Get Relief from Migraine in Hindi) -
कई लोग ऐसे होते हैं जिन्हें माइग्रेन के तेज दर्द में कॉफी पीने से तुरन्त राहत मिलती है, कॉफी में मौजूद कैफीन माइग्रेन में एडेनोसाइन के प्रभाव को कम कर देता है हालांकि ज्यादा कैफीनयुक्त पदार्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं होते हैं लेकिन एक कप कॉफी आपके स्वास्थ को लाभ पहुंचाती है।
धनिया माइग्रेन से राहत दिलाने में फायदेमंद (Coriander to Get Relief from Migraine in Hindi) -
आज लगभग हर घर में धनिया इस्तेमाल किया जाता है जो खाने में स्वाद को बढ़ाने के साथ-साथ खाने को पचाने में भी मदद करता है। यह स्वादिष्ट खाना बनाने वाले मसालों में बेहतरीन माना जाता है साथ ही धनिये का उपयोग प्राचीन काल से ही सिरदर्द और माइग्रेन की दवा के रूप में किया जाता है। धनिये के बीजों से तैयार चाय माइग्रेन में काफी लाभकारी होती है
माइग्रेन से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Migraine) -
माइग्रेन न हो या बार-बार होने से बचने के लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाने पर होने के खतरे को कुछ हद तक कम किया जा सकता है मसलन - रोजाना 8 से 10 ग्लास पानी जरूर पिये वरना आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है क्योंकि डिहाइड्रेशन माइग्रेन की समस्या का सबसे बड़ा कारण होता है इसलिए अधिक से अधिक पानी पिये। गर्मी के मौसम में अधिक से अधिक ट्रेवल करने से बचे।अगर आप गर्मी के मौसम में तेज धूप में बाहर निकल रहे हैं तो सूरज की सीधी रोशनी से बचे और सनग्लासेस या छाते का इस्तेमाल करे।उमस वाले मौसम में ऐसी चीजें खाने से बचे जिसमें ज्यादा पसीना निकलता है जैसे-चाय, कॉफी आदि ।
तापमान में बदलाव से हमेशा बचे जैसे अगर आप गर्मी में एयरकंडिशनर का इस्तेमाल करते हैं तो एक दम ठण्डे से गर्म में न निकले और तेज गर्मी से आकर बहुत ज्यादा ठण्डा पानी न पिये। रोज़ 30 मिनट तक योगासन या प्राणायाम जरूर करें इससे आपको काफी फायदा मिलेगा । गहरी श्वासयुक्त ध्यान शरीर में अधिक ऑक्सीजन लाकर माइग्रेन को दूर करने में सहायक होता है। व्यायाम नींद को अच्छा करता है और माइग्रेन के सिरदर्द की आवृत्ति और तीव्रता को कम करता है, माइग्रेन पीड़ितों के लिए अन्दर रहकर साइकिल चलाना लाभकारी होता है।
कार्डियोवैस्कुलर व्यायाम स्थिर और ‘अटके’ होने के एहसास, जो माइग्रेन पीड़ितों को आक्रमण के पहले होता है, को भंग करने हेतु उत्तम तरीका है। balasana for migraine योग में बालासन, उत्तानासन, सेतुबंध सर्वांगासन, हलासन करना फायदेमंद होता है।
रोजाना 10 मिनट मेडिटेशन करना भी हमारे लिए काफी फायदेमंद होता है। प्रतिदिन सुबह टहलने जाये, नंगे पांव घास पर चले क्योंकि इससे तनाव कम होता है और अगर तनाव कम रहेगा तो हार्मोंस भी बैलेंस में रहेगा जिससे माइग्रेन भी कम हो जाता है। महिलाएँ ज्यादा मिर्ची न खाए, ब्लड प्रेशर मेंटेन रखे और गर्भनिरोधक गोलियां न खाए अगर गर्भनिरोधक गोलियां लेना ही है तो कम डोज में ले। अपनी पसंद का मधुर और कोमल संगीत चुनें, और बैठकर सुनें। साथ ही हर बार सांस निकलते समय स्वयं के शरीर को शांत करें।
फल और हरी सब्जियां खूब खाएं।बेहद तेल-मसाले वाला खाना और उपवास भी माइग्रेन की परेशानी बढ़ाते हैं इसलिए इससे बचें। माइग्रेन के मरीजों को खूब सारा तरल पदार्थ यानी सूप, नींबू पानी, नारियल पानी, छाछ, लस्सी आदि पीना चाहिए। एल्कोहल और चॉकलेट के सेवन से भी बचें। इनसे भी सिरदर्द होता है। कम मात्रा में नमक लें। दिन भर में आधा छोटा चम्मच नमक काफी है क्योंकि ज्यादातर फूड आइटम्स में खुद ही नमक होता है। चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक आदि लेने से बचें। इन्हें लेने से माइग्रेन बढ़ सकता है।
आशा है आपको आधासीसी/माईग्रेन क्या है, आधासीसी के दर्द का घरेलू इलाज |What is Migraine, Symptoms, And Home Remedies for Migraine ज़रूर पसंद आया होगा। लेख के माइग्रेन से जुड़ी लगभग सभी जानकरियाँ मसलन Migraine माइग्रेन क्या होता है? (What is Migraine?), माइग्रेन के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Migraine) , माइग्रेन क्यों होता है? (Causes of Migraine) Migraine causes, और माइग्रेन से बचाव के उपाय (Prevention Tips for Migraine.
इसके साथ हम माइग्रेन के लिए घरेलू उपाय (Home Remedies for Migraine) देने की पूरी कोशिश की गयी है। माईग्रेन के घरेलू इलाज के टिप्स भी दिए गये हैं । उक्त लेख के बारे में हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि यह लेख सिर्फ़ जानकारी मात्र के लिए ही है। माईग्रेन के उपचार के सम्बंध में पाठकगण चिकित्सक का परामर्श अवश्य लें। इस लेख को अपने परचितों, दोस्तों में सोशल मीडिया के माध्यम से खूब शेयर करें।