UP Board Class 5 Hindi Grammar | कक्षा 5 हेतु हिंदी व्याकरण

UP Board Class 5 Hindi Grammar | कक्षा 5 हेतु हिंदी व्याकरण व्याकरण क्या है? उत्तर: भाषा की शुद्धता-अशुद्धता का ज्ञान कराने व...

UP Board Class 5 Hindi Grammar | कक्षा 5 हेतु हिंदी व्याकरण

व्याकरण क्या है?
उत्तर:
भाषा की शुद्धता-अशुद्धता का ज्ञान कराने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है।

जैसे –

  • श्याम ने पढ़ा। (शुद्ध)
  • श्याम पढ़ा। (अशुद्ध)

प्रश्न:
भाषा क्या है?
उत्तर:
भाषा – भावों या विचारों की पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए अपनाया गया माध्यम ही भाषा है;
जैसे – संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, मैथिली, मराठी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, मलयालम आदि।

भाषा को उसके प्रयोग के आधार पर तीन भागों में बाँटा जा सकता है-
(१) लिखित भाषा – जो भाषा लिखने और पढ़ने में प्रयोग की जाती है, उसे ‘लिखित भाषा’ कहते हैं।
(२) कथित भाषा अथवा मौखिक – जो भाषा आपस में बातचीत करते समय प्रयोग की जाती है, उसे ‘कथित भाषा’ अथवा ‘मौखिक’ भाषा कहते हैं।
(३) सांकेतिक भाषा – यदि संकेतों से विचार प्रकट किए जाएँ, तो उसे ‘सांकेतिक भाषा’ कहते हैं।


प्रश्न:
लिपि किसे कहते हैं?
उत्तर:
लिपि – वर्ण का लिखित चिह्न ही लिपि है।

प्रश्न:
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं? उसके भेद बताओ।
उत्तर:
वर्ण (अक्षर) – वर्ण (अक्षर) भाषा की वह छोटी-से-छोटी मूल ध्वनि है, जिसके टुकड़े न हो सकें, जैसे – अ, इ, ए, क्, ख् आदि।

वर्ण या अक्षर के भेद –
१. स्वर
२. व्यंजन।

प्रश्न:
स्वर किसे कहते हैं? उसके भेद बताओ।
उत्तर:
स्वर – स्वर वे अक्षर या वर्ण हैं, जिनके बोलने में दूसरे अक्षरों की सहायता नहीं लेनी पड़ती। ये ग्यारह होते हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ और औ।

स्वर के तीन भेद होते हैं –
(क) ह्रस्व स्वर – जैसे – अ, इ, उ, ऋ आदि।
(ख) दीर्घ स्वर – जैसे – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ आदि।
(ग) प्लुत स्वर – जैसे – ओ३म आदि।

विशेष –
(क) हिन्दी में अब प्लुत का लिखित प्रयोग नहीं होता।
(ख) ‘अं’ और ‘अ’ को अयोगवाह कहते हैं।

प्रश्न:
व्यंजन किसे कहते हैं? इसके प्रकार भी बताओ।
उत्तर:
व्यंजन – वे वर्ण या अक्षर हैं, जिनके बोलने में स्वरों की सहायता लेनी पड़ती है; जैसेक में अ जोड़ने से ‘क’ तथा ख में अ जोड़ने से ‘ख’ बन जाता है। स्वर के बिना हम व्यंजन वर्णों को लिख तो सकते हैं;


जैसे- क्, ख् आदि लेकिन उच्चारण नहीं कर सकते।

व्यंजन के प्रकार – हिन्दी वर्णमाला में तैंतीस (३३) व्यंजन होते हैं।
१. क वर्ग – क ख ग घ ङ
२. च वर्ग – च छ ज झ ञ
३. ट वर्ग – ट ठ ड ढ ण
४. त वर्ग – त थ द ध न
५. प वर्ग – प फ ब भ म
६. अन्तःस्थ – य र ल व
७. ऊष्म – श ष स ह
८. संयुक्त – क्ष = ‘क् + ष् + अ, त्र = त् + र् + अ, ज्ञ = ज् + ञ् + अ।

अनुस्वार – पंचम वर्णों (ङ, ञ, ण, न, म) का बिंदी रूप ही अनुस्वार है। इसे ‘अं’ लिखकर दर्शाते हैं; जैसे – मंगल, दंगल, कंगन, नंदन, चंदन आदि।
विसर्ग – यह केवल संस्कृत के शब्दों के साथ प्रयुक्त होता है। इसे ‘अ’ लिखकर दर्शाते हैं; जैसेप्रातः, अतः, स्वतः, यतः, कुतः आदि।
मात्रा – व्यंजन को पूरा करने में स्वर का जो लिखित रूप सहायक होता है, उसे मात्रा कहते हैं। मात्राएँ निम्न होती हैं
UP Board Class 5 Hindi व्याकरण 1
विशेष – अ सभी व्यंजनों में छिपा होता है; अतः इसकी मात्रा नहीं होती है।

प्रमुख विराम चिह्न – हिन्दी में लिखते समय निम्नलिखित चिह्न प्रमुख रूप में प्रयुक्त किए जाते हैं-
१. अल्पविराम (,)
२. अर्धविराम (;)
३. पूर्णविराम (।)
४. प्रश्नवाचक चिह्न (?)
५. विस्मयादिबोधक चिह्न (!)
६. बराबर का चिहन (=)
७. विवरण (विसर्ग चिह्न) (:)
८. संयोजक चिह्न (-)
९. निर्देशक चिह्न (-)
१०. अवतरण चिह्न (“…”) (‘…’)


शब्द

शब्द की परिभाषा – वर्णों का सार्थक समूह ही शब्द है; जैसे – रघुवर, सीता, पुस्तक, लेखक आदि।

भाव के अनुसार शब्द दो प्रकार के होते हैं
(१) सार्थक शब्द – जिस शब्द का कुछ निश्चित अर्थ निकले, उसे ‘सार्थक शब्द’ कहते हैं; जैसेपुस्तक, आम, लड़का आदि।
(२) निरर्थक शब्द – जिस शब्द का कुछ भी अर्थ न निकले, उसे ‘निरर्थक शब्द’ कहते हैं, जैसेकातपु, मआ, काड़ल, मलक, कखले, तणिग आदि।

व्याकरण के अनुसार शब्दों के पाँच भेद होते हैं –
१. संज्ञा
२. सर्वनाम
३. क्रिया
४. विशेषण
५. अव्यय

संज्ञा

१. संज्ञा – किसी वस्तु, स्थान, प्राणी या भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं; जैसे- पुस्तक, आगरा, राम, श्याम, अंकित, प्रियंका आदि।

संज्ञा के पाँच भेद होते हैं –

  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु अथवा स्थान का बोध हो उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – राम, सीता, गंगा, यमुना, भारत, उत्तर प्रदेश, मोहन, गीता आदि।
  2. जातिवाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से एक प्रकार की सब वस्तुओं का बोध हो, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – लड़की, गाय, नदी, गेंद, माता-पिता, भाई-बहन आदि।
  3. समूहवाचक संज्ञा – जिस शब्द से प्राणियों या वस्तुओं के एकत्र या साथ होने का बोध हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – सभा, कक्षा, भीड़, दल, झंड, दर्जन, समिति, सेना आदि।।
  4. द्रव्यवाचक संज्ञा – मापे जाने वाले या तौले जाने वाले पदार्थ का ज्ञान कराने वाले शब्द द्रव्यवाचक संज्ञा कहलाते हैं; जैसे – चावल, दाल, आटा, तेल, घी, दूध, सब्जी, सीमेंट, लोहा, सोना, चाँदी, लकड़ी, कपड़ा, रस्सी आदि।
  5. भाववाचक संज्ञा – जिस संज्ञा शब्द से गुण, दशा, व्यापार आदि का बोध हो, उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे – सुन्दरता, मोटापा, कालापन, मिठास, कड़वाहट, अधिकता, कठोरता आदि।

सर्वनाम

२. सर्वनाम – जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होता है, उसे सर्वनाम कहते हैं; जैसे- मैं, हम, वह, तुम आदि।
उदाहरण – गीता लखनऊ में रहती है। वह स्कूल जाती है। यहाँ ‘वह’ सर्वनाम है। मैं, हम, वह, तुम, आप, कौन, कोई आदि भी सर्वनाम हैं।


सर्वनाम के छह भेद होते हैं –

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम – जैसे – मैं, हम, तुम, वह आदि। इसके तीन भेद होते हैं –
    (क) उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम – जैसे – मैं. हम।
    (ख) मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम – जैसे – तू, तुम।
    (ग) अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम – जैसे – वह, वे, उसे, उनका, यह, ये, इसे, इनका आदि।
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम – जैसे – यह, ये, वह, वे आदि।
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – जैसे – कोई, कुछ आदि।
  4. संबंधवाचक सर्वनाम – जैसे – जो-सो, जैसा-वैसा आदि।
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम – जैसे – क्या, कौन आदि।
  6. निजवाचक सर्वनाम – जैसे – स्वयं, खुद, अपने-आप, आप ही आप, स्वतः आदि।

विशेषण

३. विशेषण – जो शब्द किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे विशेषण कहते हैं, जैसे – काला, अच्छा, मोटा, सुन्दर आदि।

  • गुणवाचक विशेषण – जैसे – अच्छा, बुरा, काला, मोटा, पीला आदि।
  • परिमाणवाचक विशेषण – जैसे – किलोग्राम, मीटर, लीटर आदि।
  • संख्यावाचक विशेषण – जैसे – एक, दो, दस, सौ, हजार आदि।

क्रिया

४. क्रिया – जिन शब्दों में किसी काम का करना या होना पाया जाए, उन्हें क्रिया कहते हैं, जैसेदौड़ना, पढ़ना, खेलना आदि।
जैसे – सीता खेलती है।

राम पढ़ता है। ऊपर के वाक्यों मे ‘खेलना’ और ‘पढ़ना’ क्रियाएँ हैं। इसके अतिरिक्त दौड़ना, नाचना, चलना, जाना, गाना, हँसना इत्यादि सब क्रियाएँ हैं।

  • सकर्मक क्रिया
  • अकर्मक क्रिया

अव्यय


५. अव्यय – जिन शब्दों के रूप सदैव एक-से रहते हैं, उन्हें ‘अव्यय’ या अविकारी शब्द कहते हैं; जैसे – धीरे-धीरे, जल्दी-जल्दी, इधर-उधर आदि।

क्रिया-विशेषण – क्रिया-विशेषण उन शब्दों को कहते हैं, जो क्रियाओं की विशेषताएँ प्रकट करते हैं; जैसे – साइकिल तेज दौड़ती है। गौरव अच्छा लिखता है। यहाँ ‘तेज’ और ‘अच्छा’ शब्द क्रिया-विशेषण हैं।

लिंग

लिंग की परिभाषा – जिससे किसी वस्तु या प्राणी की जाति (पुरुष या स्त्री) का बोध हो, उसे ‘लिंग’ कहते हैं; जैसे – राम, सीता, कुर्सी, लड़का आदि।

लिंग के निम्नलिखित दो भेद होते हैं –

  • पुल्लिंग – जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो, उसे ‘पुल्लिंग’ कहते हैं; जैसे – राम, आम, घोड़ा आदि।
  • स्त्रीलिंग – जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो, उसे ‘स्त्रीलिंग’ कहते हैं; जैसे – सीता, लीची, घोड़ी आदि।

वचन

वचन की परिभाषा – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से किसी वस्तु या प्राणी की संख्या का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते हैं; जैसे – गाय-गाएँ, पुस्तक-पुस्तकें आदि।
वचन के निम्नलिखित दो भेद होते हैं –

  • एकवचन – जिससे केवल एक वस्तु या प्राणी का बोध हो, उसे ‘एकवचन’ कहते हैं; जैसे – गाय, पुस्तक, लड़का आदि।
  • बहुवचन – जिससे एक से अधिक वस्तुओं अथवा प्राणियों का बोध हो, उसे ‘बहुवचन’ कहते हैं; जैसे – गाएँ, पुस्तकें, लड़के आदि।

काल


काल की परिभाषा – क्रिया में लगनेवाला समय ही काल है। काल के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं –

  • वर्तमान काल – जिस क्रिया से कार्य का चल रहे समय में होना पाया जाए, उसे ‘वर्तमान काल’ कहते हैं; जैसे – गीता खाना खा रही है।
  • भूतकाल – जिस क्रिया से कार्य का बीते हुए समय में होना पाया जाए, उसे ‘भूतकाल’ कहते हैं; जैसे – गीता ने खाना खाया था।
  • भविष्यत्काल – जिस क्रिया से कार्य का आने वाले समय में होना पाया जाए, उसे ‘भविष्यत् काल’ कहते हैं; जैसे – गीता खाना खाएगी।

कारक

कारक – संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उसका सम्बन्ध वाक्य के दूसरे शब्दों, विशेषकर क्रिया के साथ जाना जाता है, उसे ‘कारक’ कहते हैं। हिन्दी में कारक आठ होते हैं-
UP Board Class 5 Hindi व्याकरण 2

विभक्ति – कारक के चिह्न ही ‘विभक्ति’ कहलाते हैं।

विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द)

विलोम शब्द – जो शब्द का उलटा (विपरीत) अर्थ बताए, उसे विपरीतार्थक शब्द कहते हैं; जैसे – मीठा का विलोम शब्द खट्टा है।
UP Board Class 5 Hindi व्याकरण 3

तत्सम और तदभव शब्द

तत्सम शब्द – शब्दों के शुद्ध संस्कृत रूप को, ‘तत्सम शब्द’ कहते हैं; जैसे – कर्ण, कृषक आदि।
तद्भव शब्द – संस्कृत शब्दों के बिगड़े हुए रूप को, ‘तद्भव शब्द’ कहते हैं; जैसे – अग्नि का आग।
UP Board Class 5 Hindi व्याकरण 4


पर्यायवाची शब्द

ऐसे शब्द जिनके अर्थ समान होते हैं, वे ‘पर्यायवाची शब्द’ या ‘समानार्थी शब्द’ कहलाते हैं; जैसे –
अग्नि – आग, पावक, अनल, हुताशन, दहन, कृशानु।
आकाश – गगन, अम्बर, नभ, अन्तरिक्ष, व्योम, शून्य।
अमृत – पीयूष, सुधा, सोम, अमी, अमिय, मधु।
कमल – सरोज, जलज, पंकज, अम्बुज, नीरज, अरविन्द।
चन्द्रमा – शशि, राकेश, मयंक, सुधाकर, निशाकर, इन्दु।
राजा भूप, नृप, महीप, नरेन्द्र, भूपति, नरेश।
गंगा – देवनदी, भागीरथी, सुरसरि, मन्दाकिनी, हरिप्रिया, शिवसुता।
भगवान – ईश, ईश्वर, परमात्मा, जगदीश, प्रभु, जगन्नाथ।
सूर्य – दिनकर, रवि, भास्कर, भानु, अर्क, सविता, आदित्य।
पर्वत – पहाड़, महीधर, नग, गिरि, अचल, शैल, भूधर।
वन – कानन, जंगल, विपिन, अरण्य, अटवी।
बिजली – चपला, चंचला, दामिनी, तड़ित, क्षणप्रभा, विद्युत्।
पुत्री – तनया, सुता, बेटी, लड़की, आत्मजा, दुहिता, तनुजा।

मुहावरे व उनका अर्थ, वाक्य प्रयोग सहित

१. तीर की भाँति = बहुत तेजी से।
महेश अपने भाई को जलने से बचाने के लिए तीर की भाँति जलते हुए घर में घुसा।

२. डेरा डालना = एक स्थान पर जम जाना।
रामचन्द्र जी की सेना ने समुद्र पार करके लंका में डेरा डाल दिया।

३. खलबली मचाना = बहुत घबराहट पैदा करना।
वीर अभिमन्यु ने चक्रव्यूह में प्रवेश करके कौरवों की सेना में खलबली मचा दी।

४. जान पर खेलना = मृत्यु की चिन्ता न करते हुए संकट का सामना करना।
युद्ध में वीर सिपाही अपनी जान पर खेलकर अपने देश की स्वाधीनता की रक्षा करते हैं।

५. बेहाल करना = व्याकुल करना।
कुंभकर्ण ने रीछों और बन्दरों को मार-मारकर बेहाल कर दिया।

६. ढेर कर देना = मार डालना।
रामू ने लाठी के एक ही वार से चोर को ढेर कर दिया।

७. आग पैदा करना = जोश उत्पन्न करना।
सुभाषचन्द्र बोस ने अपने भाषण से भारतीयों के हृदयों में आग पैदा कर दी।


८. मन रमना = मन लगना।
मसूरी के प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर मेरा मन रम गया।

६. छक्के छुड़ाना = हौसला पस्त कर देना।
महाराणा प्रताप ने हल्दी घाटी के मैदान में मुगलों के छक्के छुड़ा दिए।

१०. खाक कर देना = नष्ट करना।
देखते-ही-देखते आग ने पटाखे की दुकान को खाक कर दिया।

लोकोक्तियाँ

अंत भले का भला – भलाई करने से खुद का भी भला होता है।
अंत बुरे का अंत बुरा – बुराई का फल बुरा होता है।
अक्ल बड़ी या भैंस – बुद्धि शारीरिक बल से श्रेष्ठ होती है।
आ बैल मुझे मार – जान-बूझकर मुसीबत मोल लेना।
आगे कुआँ पीछे खाई – दोनों ओर मुसीबत।
एक और एक ग्यारह – एकता में बल होता है।
एक हाथ से ताली नहीं बजती – भूल दोनों ओर से होती है।

Name

Assessment form,13,Assessment tracker,18,Baby name,11,Balvatika,6,biography,25,Biology,6,CBSE Books Solutions,18,class1,38,Class10,7,Class11,14,Class12,6,Class2,30,class3,61,class4,48,Class5,128,Class6,51,Class7,37,Class8,27,Class9,7,Current affairs,6,DELED Teaching plan,20,Diksha training,40,Drawing,3,E Register,1,Ebooks,3,english,78,English grammar,3,English1,5,English3,12,English4,3,English5,38,English6,10,English7,4,English8,4,Epathshala,97,Essay,1,evs,53,Evs3,16,EVS4,9,Evs5,27,Evs6,3,EVS7,1,EVS8,1,Food,6,General studies,21,Geography,4,Geography6,3,Geography7,1,Geography8,2,Govt order,14,Grammar,2,Health,22,hindi,133,Hindi grammar,10,Hindi quotes,5,Hindi1,14,Hindi10,2,Hindi11,11,Hindi2,20,Hindi3,3,Hindi4,25,Hindi5,40,Hindi6,2,Hindi7,2,Hindi8,2,Hindi9,5,History,7,History6,2,History7,2,History8,3,Informational,15,Kalrava4,1,KVS Books Solution,18,KVS Class 3,17,KVS Hindi 3,15,KVS Maths 3,3,lesson,1,Lesson class,4,Lesson plan,219,Lifestyle,19,Math,88,Math1,4,Math2,5,Math3,14,Math4,3,Math5,33,Math6,14,Math7,10,Math8,3,maths,2,Meena ki duniya,1,mission prerna,15,MobileSathi,3,Model paper,35,NCERT,2,NCERT Books Solutions,18,NECRT,1,Nipun bharat,89,Nipun suchi talika,20,Nisthta Training,1,Online services,1,Online taiyari,16,Online Training,1,Prernaup,5,primary ka master,1,PT,1,Question paper,1,Questions paper,1,Quotes,1,sanskrit,8,Sanskrit3,2,Sanskrit4,1,Sanskrit5,6,Sarkari naukri,1,science,43,Science6,15,Science7,10,Science8,6,stories,6,Syllabus,13,Teacher diary,84,Teacher Handbooks,2,Teacher module,1,Teacher training,2,Teachers diary,1,Teachers modules,1,Technical guruji,17,Time table,2,TLM,24,training,1,UP board solutions,8,UPPSC,1,Useful forms,10,WLE,7,आकलन प्रपत्र,1,निपुण भारत,9,प्राइमरी का मास्टर,1,
ltr
item
Mobile Sathi ◊ A Great Platform to Online Learning: UP Board Class 5 Hindi Grammar | कक्षा 5 हेतु हिंदी व्याकरण
UP Board Class 5 Hindi Grammar | कक्षा 5 हेतु हिंदी व्याकरण
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjgfNIs_IruMDqUK1k7-R7MbHqUJp5xIRap7vCBLunbR0-eywDBiNKMVXeFsor-YdW87w61-X6E_g1Ce72Ii2JC-p8VyLh4Ds5zPWO5wzYBfazhgETlBGV8vwdqtvPWvfpVQSpEHjWLzTDui8Mj_xmDk7ROxj1m5yGxM6_kFuMeU2T7FMusLdbLwQVoveo
https://blogger.googleusercontent.com/img/a/AVvXsEjgfNIs_IruMDqUK1k7-R7MbHqUJp5xIRap7vCBLunbR0-eywDBiNKMVXeFsor-YdW87w61-X6E_g1Ce72Ii2JC-p8VyLh4Ds5zPWO5wzYBfazhgETlBGV8vwdqtvPWvfpVQSpEHjWLzTDui8Mj_xmDk7ROxj1m5yGxM6_kFuMeU2T7FMusLdbLwQVoveo=s72-c
Mobile Sathi ◊ A Great Platform to Online Learning
https://www.mobilesathi.com/2023/08/up-board-class-5-hindi-grammar-5.html
https://www.mobilesathi.com/
https://www.mobilesathi.com/
https://www.mobilesathi.com/2023/08/up-board-class-5-hindi-grammar-5.html
true
6641913774348167233
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content